चंडीगढ़-बद्दी रेल प्रोजैक्ट में बड़ी धांधली, कई अधिकारी तलब, चंडीगढ़-बद्दी रेल प्रोजैक्ट में अवैध गतिविधियों ने हिमाचल के कई बड़े अधिकारियों पर तलवार लटका दी है। औद्योगिक विभाग के डायरेक्टर सहित सोलन के डिप्टी कमिश्नर, सोलन के जिला माइनिंग ऑफिसर और सोलन वन विभाग के डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर को जवाबदेही के लिए कटघरे में खड़ा किया गया है।
अवैध गतिविधियों का यह मामला तब सुर्खियों में आया जब पिछले 2024 में एक याचिका नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में दायर की गई। याचिका में कहा गया कि चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइन बिछाने के लिए मिट्टी की जो सप्लाई की जा रही है, वह अवैध तरीके से आसपास के इलाके को खोदकर की जा रही है।
नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इस पर एक ज्वॉइंट कमेटी का गठन किया, जिसने पाया कि मिट्टी की खुदाई सार्वजनिक जगहों से अवैध तरीके से की गई है। यह मिट्टी की चोरी है, जो कानून अपराध है। नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अवैध खनन करने पर कार्रवाई करते हुए उल्लंघन करने वालों पर करीब 1.08 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही हिमाचल प्रदेश के कई अधिकारियों को कटघरे में खड़ा किया है।
नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आदेश दिया है कि 9 अप्रैल 2025 को शिमला स्थित औद्योगिक विभाग के डायरेक्टर सहित सोलन के डिप्टी कमिश्नर, सोलन के जिला माइनिंग ऑफिसर और सोलन वन विभाग के डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर फिजिकली या वीसी के जरिए सुनवाई के लिए दस्तावेज लेकर हाजिर हों।