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02-03-2025 Vol 19

पहले बच्चे को मारा फिर कमीशन को नकारा, खुद को खुदा समझता है विवेक हाई स्कूल

एम4पीन्यूज़. चंडीगढ़।
सेक्टर-38 के विवेक हाई स्कूल में एक स्टूडेंट को थप्पड़ मारने के मामले में जिला अदालत ने स्कूल के मालिक एचएस मामिक, उनके बेटे विक्रम मामिक, स्कूल प्रिंसिपल रेनू पुरी, वाइस प्रिंसिपल किमी धुरिया और स्कूल में काउंसलर जसलीन कौर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के पुलिस को आदेश दिए हैं।
अदालत ने पुलिस को 5 अप्रैल तक केस दर्ज कर कंप्लायंस रिपाेर्ट वापस कोर्ट में जमा करने के लिए कहा है। अदालत ने सभी के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 75, 82 (3) यानी बच्चे को मानसिक रूप से तंग करना, बच्चे को फिजिकली प्रताड़ित करना, उसके मन में डर पैदा कर उसका मानसिक संतुलन बिगाड़ने की कोशिश करना, आईपीसी की धारा 323 यानी मारना-पीटना, 352 यानि जानबूझकर फिजिकली हाथ आदि मोड़कर परेशान करना, 506 यानी जान से मारने की धमकी देना और 120बी यानी सभी आरोपियों द्वारा एक साथ साजिश रचने के तहत केस दर्ज करने को कहा गया है।
नहीं माने थे आदेश…
23 दिसंबर को प्रिंसिपल रेनू पुरी ने स्कूल में 7वीं क्लास में पढ़ने वाले एक स्टूडेंट को थप्पड़ मारा था। पेरेंट्स ने पुलिस में शिकायत दी। स्कूल ने बच्चे को ही निकाल दिया। पेरेंट्स ने स्कूल के खिलाफ नेशनल कमीशन फाॅर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स को शिकायत दी। कमीशन ने बच्चे की एडमिशन के लिए स्कूल को आदेश दिए, लेकिन स्कूल ने आदेशों नहीं माने। इसके बाद पेरेंट्स ने कोर्ट में शिकायत दी।
10 साल तक की हो सकती है सजा
जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, 2015 की धारा 75 के तहत बच्चे की केयर और प्रोटेक्शन स्कूल की ड्यूटी थी, जिसकी उन्होंने पालना नहीं की। इस पर उन्हें 5 साल तक की सजा और 5 लाख का जुर्माना हो सकता है। इसी धारा में ये भी कहा गया है कि अगर ऐसी क्रूएलिटी से बच्चे को मेंटल इलनेस होती है तो 3 से 10 साल तक की सजा और 5 लाख तक का जुर्माना हो सकता है। वहीं, इसी एक्ट की धारा 82 (3) के तहत किसी कमेटी, बोर्ड, कोर्ट या स्टेट गवर्नमेंट के आदेशों की पालना नहीं की जाती तो कम से कम तीन साल की सजा और 1 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।

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