एम4पीन्यूज।
भारत प्रशासित कश्मीर के लेह में है 15वीं सदी में बना थिकसे बौद्ध विहार. हिमालय में 3,000 मीटर की ऊंचाई पर बने में इस विहार में रहने वाले बाल भिक्षुओं की ज़िंदगी कैसी है?
![इस खेलने कूदने की उम्र में यहां बच्चे बन गए बौद्ध भिक्षु](https://www.media4pillar.com/wp-content/uploads/2017/01/93298340_hi037115744.jpg)
यह विहार तिब्बती बौद्ध धर्म के गेलुकपा या ‘पीली हैट’ संप्रदाय का है. घुमक्कड़ समुदाय के लोगों का यहां डेरा है.
![इस खेलने कूदने की उम्र में यहां बच्चे बन गए बौद्ध भिक्षु](https://www.media4pillar.com/wp-content/uploads/2017/01/93336478_hi037115743.jpg)
तिब्बत पर चीन के क़ब्ज़े के बाद वहां के लोगों के सामने अपनी संस्कृति, धर्म और भाषा को बचाए रखने की चुनौतयां आईं.
![इस खेलने कूदने की उम्र में यहां बच्चे बन गए बौद्ध भिक्षु](https://www.media4pillar.com/wp-content/uploads/2017/01/93336480_hi037115749.jpg)
तिब्बती बौद्ध धर्म मानने वालों को अपने वतन से दूर भारत में शरण लेनी पड़ी.
![इस खेलने कूदने की उम्र में यहां बच्चे बन गए बौद्ध भिक्षु](https://www.media4pillar.com/wp-content/uploads/2017/01/93336735_hi037115753.jpg)
भारत में रहने वाले तिब्बतियों में कई परिवार अपने घर के कम के कम एक बच्चे को धर्म की शिक्षा लेने बौद्ध विहार ज़रूर भेजते हैं.
![इस खेलने कूदने की उम्र में यहां बच्चे बन गए बौद्ध भिक्षु](https://www.media4pillar.com/wp-content/uploads/2017/01/93336734_hi037115751.jpg)
तिब्बती बौद्ध धर्म में तस्वीरों, प्रार्थना पताकों, धर्म चक्रों और दूसरे प्रतीकों के माध्यम से उन्हें शिक्षा दी जाती है.
![इस खेलने कूदने की उम्र में यहां बच्चे बन गए बौद्ध भिक्षु](https://www.media4pillar.com/wp-content/uploads/2017/01/93336733_hi037115755.jpg)
बौद्ध धर्म में व्यक्ति के निजी आध्यात्मिक विकास पर ज़ोर दिया जाता है.
![इस खेलने कूदने की उम्र में यहां बच्चे बन गए बौद्ध भिक्षु](https://www.media4pillar.com/wp-content/uploads/2017/01/93336732_hi037115750.jpg)
वहां लोग किसी प्रतिमा की पूजा नहीं करते, पर जीवन और प्रकृति के अंदर झांकने की कोशिश करते हैं.
![इस खेलने कूदने की उम्र में यहां बच्चे बन गए बौद्ध भिक्षु](https://www.media4pillar.com/wp-content/uploads/2017/01/93336731_hi037115757.jpg)