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नया साल 2017 में सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की त्रिमूर्ति दुनिया के खगोल प्रेमियों को ग्रहण के चार रोमांचक दृश्य दिखाएगी। इसमें से दो खगोलीय घटनाएं भारत में भी नजर आएंगी। आइए जानें इस साल पड़ने वाले ग्रहणों के इन चार रोमांचक दृश्यों के बारे में…
इफेक्‍ट अलग-अलग :
लगभग सभी लोगों को पता है कि ग्रहण दो प्रकार के पड़ते हैं। सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण के रूप ये ग्रहण साल में कई बार पड़ते हैं। इसके साथ ही इनका साइज और इफेक्‍ट अलग-अलग होता है। सबसे खास बात तो यह है कि सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण, खगोलविदो और खगोल प्रेमियों के लिये दोनो ही आकर्षण का केद्र होते है। इस दौरान बड़ी संख्‍या में लोग इस प्राकृतिक घटना देखने की कोशिश में रहते हैं। खगोलविदों के मुताबिक खगोल प्रेमियों को ग्रहण के चार रोमांचक दृश्य दिखायेगी।

फरवरी में लगेंगे दो ग्रहण
खगोलीय घटनाओं का सिलसिला 11 फरवरी को लगने वाले उपच्छाया चंद्रग्रहण से शुरू होगा। यह भारत में दिखाई देगा। उपच्छाया चंद्रग्रहण तब लगता है, जब चंद्रमा पेनुम्ब्रा से होकर गुजरता है। इस समय चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की रोशनी आंशिक तौर पर कटी हुई प्रतीत होती है। जबकि ग्रहण चंद्रमा पर पड़ने वाली धुंधली परछाई के रूप में दिखाई देता है। 26 फरवरी को वलयाकार सूर्यग्रहण लगेगा। यह नजारा भारत में दिखाई नहीं देगा।

अगस्त में होगा पूर्ण सूर्य ग्रहण
इसके बाद सात अगस्त को लगने वाले आंशिक चंद्रग्रहण को दोबारा भारत में देखा जा सकेगा। चौथा पूर्ण सूर्य ग्रहण 21 अगस्त को लगेगा। भारत के लोग इससे वंचित रहेंगे। पूर्ण सूर्यग्रहण तब होता है, जब पृथ्वी से देखने पर सूर्य पूरी तरह चंद्रमा की ओट में छिपा दिखता है।

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