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पैर छूकर धोकर आभार प्रगट करना तो हमारे यहां भगवान श्री कृष्ण के समय से विख्यात है लेकिन हमारे यहां एक ओर चीज की भी काफी परंपरा है, वो है अपनी सभ्यता अपने संस्कारों को नकारने की परंपरा। खैर हमारे यहां संस्कारों को संजोने का काम तो न जाने कब होगा लेकिन देखकर काफी खुशी हुई कि हमारी धरती पर एक एेसा देश भी है तो अपनी पुराने संस्कारों को दोबारा प्रचलन में लाने की कोशिश कर रहा है। यह कोशिश काफी प्यारी भी है। दक्षिण कोरिया में पेरेंट्स डे के दौरान बच्चों ने बड़ी संख्या में अपने माता पिता के चरण धोकर अपना अाभार व्यक्त किया।

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यह महीना परिवार और शिक्षकों का; पैरेंट्स-डे पर स्कूल में बच्चों ने माता-पिता के पैर धोए, संघर्ष और देखभाल के लिए जताया आभार

ये तस्वीर दक्षिण कोरिया के ताएजों की है। यहां स्कूल में कोरियाई पैरेंट्स डे के मौके बच्चों ने माता-पिता के सम्मान में उनके पैर धोए। माता-पिता के प्यार, संघर्ष और देखभाल के लिए आभार जताने की यह परंपरा हजारों साल पुरानी है। धीरे-धीरे यह परंपरा कुछ जगहों पर ही सीमित रह गई।

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अब कुछ स्कूलों ने इस परंपरा को आगे बढ़ाना शुरू किया है। कोरिया मई माह को फैमिली मंथ के तौर पर मनाता है। 5 मई को बाल दिवस, 8 मई को माता-पिता दिवस और 15 मई को शिक्षक दिवस पर हॉली डे रहता है। शिक्षक दिवस पर बच्चे अपने शिक्षकों को फूल और कार्ड देकर धन्यवाद देता है।

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