Wednesday

12-03-2025 Vol 19

चंडीगढ़ में लकड़ी उद्योग पर लटकेंगे ताले

-चंडीगढ़ प्रशासन केंद्र सरकार की नोटिफिकेशन को लागू करने की तैयारी में

एम4पीन्यूज,चंडीगढ़|

देर से ही सही लेकिन अब चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर में बिना लाइसेंस के चल रहे लकड़ी उद्योग पर ताला जडऩे के लिए कमर कस ली है। बाकायदा उच्चाधिकारियों ने बैठक कर निर्णय लिया है कि सॉ मिल, वनीर व प्लाईवुड इंडस्ट्री को लेकर जारी केंद्र सरकार की नोटिफिकेशन को चंडीगढ़ में लागू कर दिया जाए।

नोटिफिकेशन के लागू होते ही बिना लाइसेंस के चल रही तमाम औद्योगिक इकाईयों के बंद होने का आगाज हो जाएगा। इससे पहले अभी तक चंडीगढ़ प्रशासन सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करता आ रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में बिना लाइसेंस के चल रही ऐसी औद्योगिक इकाईयों पर पूरी पाबंदी लगाई हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा था कि ऐसी औद्योगिक इकाईयों के संबंध में नियम बनाकर उसकी नोटिफिकेशन जारी करनी होगी। नोटिफिकेशन के अमल में आने पर औद्योगिक इकाईयों के संचालकों को वन विभाग के पास लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा। बिना लाइसेंस के इस तरह का उद्योग चलाना जुर्म होगा। लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की परवाह न करते हुए बिना लाइसेंस के औद्योगिक इकाईयों को चलने दिया। इस समय चंडीगढ़ में लकड़ी कारोबार से जुड़ी औद्योगिक इकाईयों महज लेबर डिपार्टमेंट के दिए लाइसेंस के भरोसे चल रही हैं, जो सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है।

चंडीगढ़ प्रशासन की वैबसाइट पर नजर डालें तो शहर में 37 से ज्यादा आरा मिल्स व प्लाईवुड फैक्टरियां चल रही हैं। इनमें ज्यादात्तर औद्योगिक इकाईयां सैक्टर-26 की टिंबर मार्केट में चल रही हैं। लेबर डिपार्टमेंट की सूची केवल उन इकाईयों की है, जो लेबर एक्ट के अधीन आती हैं। ऐसे में उन इकाईयों की लंबी सूची हो सकती है, जो लेबर डिपार्टमेंट के पास भी रजिस्टर्ड नहीं हैं।

news

Truth says it all

Leave a Reply